बजरंग बालाजी की आरती लिरिक्स
बजरंग बालाजी की आरती लिरिक्स: बजरंग बालाजी, हनुमान जी के रूप में पूजे जाते हैं। हनुमान जी को बजरंग बली, मारुति नंदन और अंजनी पुत्र भी कहा जाता है। वे भगवान शिव के ११वें रुद्रावतार माने जाते हैं और भगवान राम के परम भक्त हैं। बजरंग बालाजी की पूजा भक्तों के जीवन में साहस, शक्ति, और समर्पण का संचार करती है। मंगलवार और शनिवार के दिन हनुमान जी की विशेष पूजा की जाती है। इस लेख में बजरंग बालाजी की आरती लिखित में दी गई हे ।
बालाजी की आरती लिखित में
॥ श्री बालाजी आरती ॥
ॐ जय हनुमत-वीरास्वामी-जय हनुमत वीरा ।
संकट मोचन स्वामीतुम हो रणधीरा ॥
ॐ जय हनुमत वीरा…॥
पवन-पुत्र- अंजनी – सुतमहिमा अति भारी ।
दुःख दरिद्र मिटाओसंकट सब हारी ॥
ॐ जय हनुमत वीरा…॥
बाल समय में, तुमनेरवि को भक्ष लियो ।
देवन स्तुति कॉंन्हीतब ही छोड़ दियो ॥
ॐ जय हनुमत वीरा… ॥
कपि सुग्रीव राम संगमैत्री करवाई ।
बाली बली मरायकपीसहिं गद्दी दिलवाई ॥
ॐ जय हनुमत वीरा…॥
जारि लंक को ले सिय कीसुधि वानर हुर्षाये।
कारज कुठिन सुधारेरघुवर मन भायै ॥
ॐ जय हनुमत वीरा…॥
शक्ति लगी लक्ष्मण के-भारी सोच भयो ।
लाय संजीवन बूटीदुःख सब दूर कियो ॥
ॐ जय हनुमंत वीरा… ॥
ले पाताल अहिरावणजबहि पैठि गयो ।
ताहि मारि प्रभु लायेजय जयकार भयो ॥
ॐ जय हनुमत वीरा…॥
घाटे मेहंदीपुर में-शोभित दर्शन अति भारी ।
मंगल और शनिश्चरमेला है जारी ॥
ॐ जय हनुमत वीरा…॥
श्री बालाजी की आरतीजो कोई नर गावे ।
कहत इन्द्रु हर्षितमन वांछित फल पावे॥
ॐ जय हनुमत वीरा…॥
बालाजी की आरती लिखित में समाप्त ।
हमारे अन्य पोस्ट को भी पड़े।