पद्मिनी एकादशी 2024:-पद्मिनी एकादशी श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मनाई जाती है। इस व्रत का पालन करने से व्यक्ति को संतान सुख, पापों से मुक्ति और भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है। व्रत के दिन निराहार और निर्जल रहकर भगवान का ध्यान किया जाता है, भजन-कीर्तन के माध्यम से रात्रि जागरण किया जाता हैं। द्वादशी के दिन पारण करके व्रत संपन्न किया जाता है।
पद्मिनी एकादशी तिथि 2024
एकादशी तिथि (16/08/2024, शुक्रवार) को श्री श्री पवित्रा (पद्मिनी) एकादशी व्रत उपवास है।
आशा है कि सभी भक्तगण इस एकादशी महाव्रत का पालन करेंगे। आइए अब थोड़ा समय लेकर इस व्रत के महत्त्व और नियमों को जानें।
श्रीश्री पद्मिनी एकादशी का महात्म्य:
एक बार महाराज युधिष्ठिर ने श्रीकृष्ण से पूछा, “हे प्रभु! श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी का क्या नाम है, कृपया मुझे बताएं।”
श्रीकृष्ण ने कहा, “हे महाराज! अब मैं आपको इस पवित्र व्रत का महात्म्य बताता हूँ, कृपया इसे ध्यानपूर्वक सुनें। इसे सुनने मात्र से ही बाजपेय यज्ञ का फल प्राप्त होता है।”
द्वापर युग के आरंभ में महिष्मति नगर के राजा महिजीत थे। वह राजा अत्यधिक धार्मिक थे, परंतु संतान सुख से वंचित थे। संतानहीनता के कारण राजा अत्यंत दुःखी रहते थे और मन में शांति नहीं थी। उन्होंने सोचा, “मैंने जीवन में कोई पाप नहीं किया, धर्म के अनुसार शासन किया, परंतु फिर भी संतान सुख से वंचित क्यों हूँ?”
राजा की चिंता को देखकर उनके पुरोहित और ब्राह्मणगण उनके लिए उपाय खोजने के लिए वन में एक त्रिकालज्ञ मुनि के पास पहुंचे। उन्होंने मुनि लोह्मश से राजा की समस्या बताई। मुनि ने ध्यान लगाया और बताया कि राजा पिछले जन्म में एक गरीब वैश्य थे। एक बार वह बहुत प्यासे थे और एक जलाशय पर पहुंचे जहां एक गाय और उसका बछड़ा पानी पी रहे थे। राजा ने उन्हें तिरस्कृत करके खुद पानी पिया, जिसके कारण वह इस जन्म में संतान सुख से वंचित हो गए।
मुनि ने बताया कि श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पवित्रा (पद्मिनी) एकादशी व्रत का पालन करने से संतान सुख की प्राप्ति होगी। मुनि के निर्देशानुसार, राजा और उनकी प्रजा ने इस व्रत का पालन किया, जिसके फलस्वरूप राजा को पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई।
भविष्योत्तर पुराण में इस व्रत का महात्म्य वर्णित है। इस व्रत का पाठ या श्रवण करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है और संतान सुख प्राप्त होता है।
[कृपया स्वयं एकादशी व्रत का पालन करें और दूसरों को भी इसे पालन करने के लिए प्रेरित करें।]
पद्मिनी एकादशी पारणमंत्र:
“एकादश्यां निराहारो व्रतेनानेन केशव।
प्रसीद सुमुख नाथ ज्ञानदृष्टिप्रदो भव।।”
इस मंत्र का पाठ कर नियत समय में पारण करें।
पद्मिनी एकादशी 2024 पारण का समय
भारतीय समय के अनुसार पद्मिनी एकादशी पारण का समय अगले दिन (17/08/2024, शनिवार) सुबह 5:15:51 से 5:17:56 के बीच।